हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने 4 मार्च2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

 

बजट के मुख्य अंश

  • राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2022-23 (मौजूदा कीमतों पर) के लिए 1,92,690 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (1,75,173 करोड़ रुपए) से 10% अधिक है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 12% बढ़ने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 46,023 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (44,447 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 5,342 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 1% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 36,420 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (37,356 करोड़ रुपए) से 3% कम है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान (37,069 करोड़ रुपए) से 1% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 9,602 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.98%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.05% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 4.52% के बजट अनुमान से कम है।
     
  • 2022-23 के लिए राजस्व घाटा 3,903 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 2.03% है। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी का 0.16% राजस्व अधिशेष होने का अनुमान है, जबकि बजटीय स्तर पर 0.85% के राजस्व घाटे का अनुमान था।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • सामाजिक सुरक्षा: वृद्धावस्था पेंशन के लिए सभी के लिए आयु सीमा, आय कितनी हो, कम करके 60 वर्ष कर दी जाएगी। इससे वृद्धावस्था पेंशन के हकदार लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी।
     
  • शिक्षा: श्रेष्ठ शिक्षा गुणवत्ता प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों को लर्निंग आउटकम्स के आधार पर रैंक किया जाएगा। योजना के तहत राज्य और प्रत्येक जिले के शीर्ष तीन स्कूलों को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।
  • ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना: ड्रोन और ड्रोन फ्लाइंग स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए गवर्नेंस एंड रिफॉर्म्स यूजिंग ड्रोन (गरुड़योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत ड्रोन प्रशिक्षण के लिए 2022-23 में चार फ्लाइंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: हिमाचल प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) में 2020-21 में 6.2% की नकारात्मक वृद्धि देखी गई। इसकी तुलना में राष्ट्रीय जीडीपी में 2020-21 में 6.6% की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। 2020-21 में हिमाचल प्रदेश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 12.3% का संकुचन देखा गयाजबकि कृषि क्षेत्र में 7.9% का संकुचन हुआ।
     
  • क्षेत्र2020-21 में मौजूदा कीमतों पर कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने अर्थव्यवस्था में क्रमशः 14%, 40% और 46% का योगदान दिया।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2020-21 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2,12,262 रुपए थी; 2019-20 में इसी आंकड़े से 4.5% कम (2,22,214 रुपए)। 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) राष्ट्रीय स्तर की प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा मूल्यों पर 1,46,087 रुपए) से काफी अधिक थी। 

रेखाचित्र 1राज्य में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

 

नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित की गई है। 
स्रोतसांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 46,023 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (44,447 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। इस व्यय को 36,420 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 7,188 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के जरिए पूरा करने का प्रस्ताव है। 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के 3% कम होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 1% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य को 3,903 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि इसकी जीएसडीपी का 2.03% है। इसकी तुलना में 2021-22 में राज्य को 278 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.16%) के राजस्व अधिशेष की उम्मीद है।
     
  • 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.98% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 4.05% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

कुल व्यय

50,305

50,192

48,834

-3%

51,365

5%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

11,141

5,334

4,387

-18%

5,342

22%

शुद्ध व्यय (E)

39,164

44,858

44,447

-1%

46,023

4%

कुल प्राप्तियां

50,213

48,800

48,876

0.2%

48,950

0.2%

(-) उधारियां 

16,749

11,731

11,520

-2%

12,530

9%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

33,464

37,069

37,356

1%

36,420

-3%

राजकोषीय घाटा (E-R)

5,700

7,789

7,090

-9%

9,602

35%

जीएसडीपी का %

3.64%

4.52%

4.05%

 

4.98%

 

राजस्व संतुलन

-97

-1,463

278

-119%

-3,903

-1504%

जीएसडीपी का %

-0.06%

-0.85%

0.16%

 

-2.03%

 

प्राथमिक संतुलन

1,228

2,772

2,286

-18%

4,498

97%

जीएसडीपी का %

0.78%

1.61%

1.30%

 

2.33%

 

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस।

2022-23 में व्यय

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 40,279 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमान (37,034 करोड़ रुपए) की तुलना में 9की कमी है। इस खर्च में वेतनपेंशनब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व व्यय बजट अनुमान से 4कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 5,647 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 20कम है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन का व्यय शामिल है। इसमें स्कूलअस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय बजट अनुमान से 18अधिक होने का अनुमान है।

पूंजीगत परिव्यय के लिए राजकोषीय उपलब्धता

हिमाचल प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण (2021-22) के अनुसार, राज्य का कर और जीएसडीपी अनुपात कम है। सरकार को राजकोषीय अनुशासन बरकरार रखते हुए निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.98% रहने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4की सीमा से अधिक है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य अपने व्यय का एक बड़ा हिस्सा राजस्व व्यय पर खर्च करता है। 2022-23 में राजस्व व्यय कुल व्यय का 88% (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) होने का अनुमान है। सर्वेक्षण में प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज) में वृद्धि देखी गई। पिछले पांच वर्षों में प्रतिबद्ध व्यय का हिस्सा राजस्व प्राप्तियों के 65% से 70% के बीच रहा है। इसके अतिरिक्त यह हिस्सा 2025-26 में बढ़कर 87होने की उम्मीद है।      

तालिका 2बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

33,535

38,491

37,034

-4%

40,279

9%

पूंजीगत व्यय

5,309

6,013

7,099

18%

5,647

-20%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

320

354

314

-11%

97

-69%

शुद्ध व्यय

39,164

44,858

44,447

-1%

46,023

4%

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 28,058 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 77% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 42%), पेंशन (21%) और ब्याज भुगतान (14%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 14% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन पर खर्च में 20% की वृद्धि और वेतन एवं ब्याज पर खर्च में क्रमशः 14% और 6% की वृद्धि होने का अनुमान है। 

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

वेतन

12,149

14,403

13,273

-8%

15,163

14%

पेंशन

6,088

7,082

6,500

-8%

7,790

20%

ब्याज 

4,472

5,018

4,805

-4%

5,105

6%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

22,709

26,503

24,578

-7%

28,058

14%

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4हिमाचल प्रदेश बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान

(2022-23 बअ)

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

6,700

8,272

7,862

8,669

10%

सर्व शिक्षा अभियान के लिए 314 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

मिड-डे मील योजना के लिए 130 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सड़कें और पुल

3,852

4,046

3,337

3,958

19%

सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 2,013 करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रस्ताव पेश किया गया है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2,497

2,976

3,185

3,032

-5%

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 344 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पूंजीगत परिव्यय 155 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

2,481

2,672

2,895

2,709

-6%

खाद्य सबसिडी के लिए 159 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

1,959

2,128

2,128

2,300

8%

सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन के लिए 716 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समेकित बाल देखभाल सेवाओं के लिए 237 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

2,097

2,243

2,397

1,850

-23%

शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 421 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

1,408

1,377

1,465

1,627

11%

मनरेगा के लिए 262 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के लिए 109 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

1,214

1,527

1,549

1,593

3%

जिला पुलिस के लिए 820 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

783

900

913

935

2%

लघु सिंचाई के लिए 770 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

शहरी विकास

829

728

853

734

-14%

स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 75 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 26 करोड़ रुपए पीएमएवाई-शहरी के लिए आबंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

61%

60%

60%

60%

3%

 

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस

2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 36,375 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 3% कम है। इसमें से 13,651 करोड़ रुपए (38%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों (कर और गैर-कर राजस्व) के माध्यम से जुटाए जाएंगे और 22,725 करोड़ रुपए (62%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 19%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 44%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
     
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 6,778 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 10% अधिक है।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व2022-23 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 10,881 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.2% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 5.6% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर को जीएसडीपी के 5.4% के बजट अनुमान की तुलना में जीएसडीपी के 5.6% तक संशोधित किया गया है।
     
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 2,769 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 6% अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 5% की कमी दर्ज होने का अनुमान है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

8,083

9,282

9,770

5%

       10,881 

11%

राज्य के स्वयं गैर कर

2,188

2,754

2,625

-5%

         2,769 

6%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

4,754

5,524

6,163

12%

         6,778 

10%

केंद्र से सहायतानुदान

18,413

19,468

18,755

-4%

       15,946 

-15%

राजस्व प्राप्तियां

33,438

37,028

37,312

1%

       36,375 

-3%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

26

41

44

6%

              45 

3%

शुद्ध प्राप्तियां

33,464

37,069

37,356

1%

       36,420 

-3%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।  

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (47%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में 5,130 करोड़ रुपए के एसजीएसटी राजस्व का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 14% अधिक है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार एसजीएसटी राजस्व बजट अनुमान से 9% अधिक होने का अनुमान है। बजट में जहां संशोधित चरण में 2021-22 में जीएसटी क्षतिपूर्ति की एवज में बैक-टू-बैक ऋण का अनुमान नहीं लगाया गया हैवहीं केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसारहिमाचल प्रदेश को इस मद में 2021-22 में 2,695 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
     
  • 2022-23 में राज्य एक्साइज से प्राप्त होने वाला राजस्व 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 12% बढ़ने की उम्मीद है। 2022-23 में एसजीएसटी (स्वयं के कर राजस्व का 20%) के बाद एक्साइज ड्यूटी स्वयं कर राजस्व का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। 2022-23 में सेल्स टैक्स/वैट 11% बढ़ने का अनुमान है।  

जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति 

जब जीएसटी पेश किया गया थातो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान हिमाचल प्रदेश ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में हिमाचल प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 2,695 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान हैजो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 28% है। इसलिए जून 2022 के बाद राज्य की राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट हो सकती है।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

3,467

4,142

4,500

9%

5,130

14%

राज्य एक्साइज

1,600

1,868

1,903

2%

2,131

12%

सेल्स टैक्स/वैट

1,630

1,643

1,625

-1%

1,810

11%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

253

311

399

29%

399

0%

वाहन टैक्स

380

488

488

0%

512

5%

भूराजस्व

7

23

22

-3%

23

5%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

402

431

403

-6%

403

0%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

1,764

3,834

2,695

-30%

1,700

-2%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

1,717

0

0

 

0

 

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस

2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में हिमाचल प्रदेश को 3,903 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 2.03% है। 2020-21 में राज्य में 97 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.06%) का राजस्व घाटा दर्ज हुआ था। संशोधित अनुमानों के अनुसारहिमाचल प्रदेश में 2021-22 में 278 करोड़ रुपए (0.16% जीएसडीपी) का राजस्व अधिशेष होने की उम्मीद है। बजट के साथ प्रस्तुत मध्यम अवधि की राजकोषीय योजना के अनुसारराज्य का राजस्व घाटा 2025-26 में जीएसडीपी के 4.61% तक और बढ़ने की उम्मीद है।

15वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया है कि 17 राज्यों को राजस्व घाटे को खत्म करने के लिए 2021-26 के दौरान अनुदान दिए जाएं। इन पांचों वर्षों में हिमाचल प्रदेश को अनुदान प्राप्त होगा। 2022-23 में राज्य को 9,377 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान मिलने की उम्मीद है। 2021-22 में राजस्व घाटा अनुदान 10,249 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और यह राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 9,602 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.98%) रहने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.05% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 4.52% के बजट अनुमान से कम है। यह 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)। बजट के साथ प्रस्तुत मध्यम अवधि की राजकोषीय योजना के अनुसार राज्य का राजकोषीय घाटा 2025-26 में जीएसडीपी के 7.50% तक बढ़ने की उम्मीद है।

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 35.25% से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी के 40.49% होने का अनुमान है।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है।   *2023-242024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।   

 

बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेते हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। 2020-21 के अंत में राज्य की बकाया गारंटी जीएसडीपी का 1.37% होने का अनुमान है जो 2019-20 के अंत में जीएसडीपी के 1.45% से कुछ कम है। बिजली क्षेत्र और राज्य बिजली बोर्ड में गारंटी का स्तर बढ़ गया है।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (हिमाचल प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • शिक्षा: 2022-23 में हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 18.9% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में हिमाचल प्रदेश का आबंटन अधिक है (2021-22 बजट अनुमान)।
     
  • स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.6% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
     
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.9% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
     
  • ग्रामीण विकास: हिमाचल प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 3.5% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कम है।
  • पुलिस: हिमाचल प्रदेश ने पुलिस के लिए अपने व्यय का 3.5आबंटित किया है जोकि राज्यों द्वारा पुलिस पर किए गए औसत व्यय (4.3%) से कम है।
     
  • सड़क और पुल: हिमाचल प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 8.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से ज्यादा है।

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े हिमाचल प्रदेश के हैं। 

स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

38,465

33,464

-13%

1.  राजस्व प्राप्तियां (+++)

38,439

33,438

-13%

.  स्वयं कर राजस्व

9,090

8,083

-11%

.  स्वयं गैर कर राजस्व

2,410

2,188

-9%

.  केंद्रीय करों में हिस्सा

6,266

4,754

-24%

.  केंद्र से सहायतानुदान

20,673

18,413

-11%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

3,338

1,764

-47%

2.   गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

26

26

0%

3.  उधारियां

7,554

16,749

122%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

 

1,717

 

शुद्ध व्यय (4+5+6)

45,737

39,164

-14%

4.  राजस्व व्यय

39,123

33,535

-14%

5.  पूंजीगत परिव्यय

6,255

5,309

-15%

6.  ऋण और अग्रिम

359

320

-11%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

3394

3,394

228%

राजस्व संतुलन*

-684

-97

-86%

राजस्व संतुलन * (जीएसडीपी का %)

-0.38%

-0.06%

-

राजकोषीय घाटा

7,272

5,700

-22%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

4.00%

3.64%

-

नोटनेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। बअबजट अनुमान
स्रोतविभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

 तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

भूराजस्व

18

7

-61%

वस्तुओं और यात्रियों पर टैक्स

166

84

-50%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

328

253

-23%

वाहन टैक्स

457

380

-17%

राज्य एक्साइज ड्यूटी

1,788

1,600

-11%

एसजीएसटी

3,855

3,467

-10%

सेल्स टैक्स/वैट

1,685

1,630

-3%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

403

402

0%

नोटबअबजट अनुमान

स्रोतविभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

आवासन

182

101

-45%

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण

1,042

783

-25%

पुलिस

1,541

1,214

-21%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

8,304

6,700

-19%

ग्रामीण विकास

1,739

1,408

-19%

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण

2,976

2,497

-16%

परिवहन

5,445

4,624

-15%

इसमें सड़कें और पुल

3,986

3,852

-3%

कृषि और संबंधित गतिविधियां

2,856

2,481

-13%

जलापूर्ति और सैनिटेशन

2,357

2,097

-11%

समाज कल्याण और पोषण

1,965

1,959

0%

शहरी विकास

763

859

13%

बिजली

645

727

13%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

100

127

27%

नोट: बअबजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

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